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गज़ल ख्वाब में आने की चाहत रह गई। हाँ तुझे पाने की चाहत रह गई।। आसुओं से तरबतर तूने किया। मेरी मुस्काने की चाहत रह गई।। जाल में मुझको फसाया इस ...