हमें आप से भी जुदा कर चले।

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*तरही हिंदुस्तानी ग़ज़ल* *तरही मिसरा–* हमें    आप      से     भी   जुदा     कर    चले। हमें    आप      से     भी   जुदा     कर    चले। ...

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