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मेरा बूढ़ा बरगद बाबा----- इतना घना वो इतना बड़ा है जिसकी छाया वरदान सी लगती कईं पीढ़िया जिसमें पलती इक दिन मुझसे बोले पिताजी ऐ बिटिया सुन तो जरा--- ये बरगद ...