बरगद लेखनी प्रतियोगिता -17-Dec-2021

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मेरा बूढ़ा बरगद बाबा----- इतना घना वो इतना बड़ा है  जिसकी छाया वरदान सी लगती  कईं पीढ़िया जिसमें पलती  इक दिन मुझसे बोले पिताजी  ऐ बिटिया सुन तो जरा---  ये बरगद ...

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