लेखनी प्रतियोगिता -17-Dec-2021 खुशियां

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खुशियां रास्ता भूल गयी  मेरे घर आँगन का  लुकाछुपी खेले मेरे आगे  पीछे घूमे जैसे मेरा साजन हो , हाथ न आती वो मेरे बनकर  बेवफा मुझको बड़ा सताती !  चलते ...

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