वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है

1 Part

186 times read

3 Liked

वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है बड़े शौक़ से मिरा घर जला कोई ...

×