आसा के दीप

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दीप का उत्सव, बधाई हृदय से स्वीकार हो, शत्रुता हो दूर, सबसे मित्र-सा व्यवहार हो। प्रकृति हो धन-धान्य पूरित, धरा का शृंगार हो, स्वस्थ होँ सब नागरिक, नव शक्ति का सँचार ...

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