जयशंकर प्रसाद जी की कृतियां

104 Part

151 times read

0 Liked

करुणा की विजय जयशंकर प्रसाद सामने सन्ध्या-धूसरति जल की एक चादर बिछी है। उसके बाद बालू की बेला है, उसमें अठखेलियाँ करके लहरों ने सीढ़ी बना दी है। कौतुक यह है ...

Chapter

×