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अजातशत्रु (नाटक): जयशंकर प्रसाद तृतीय अंक : अजातशत्रु तृतीय अंक : प्रथम दृश्य स्थान - मगध में राजकीय भवन छलना और देवदत्त। छलना : धूर्त्त! तेरी प्रवंचना से मैं इस दशा ...