लेखनी कहानी -19-Dec-2021 - माथे की बिंदी

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माथे की बिंदी होती हर सुहागन की शान,  माँ के माथे पर सोहे बन कुमकुम की पहचान | सोलह श्रृंगार पूरा हो जाए माथे की बिंदी से,  गहने चाहे पहने नारी ...

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