लेखनी कहानी -20-Dec-2021

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           नामुमकिन है  तुम दस्तक दो मैं बाहर ना आऊँ,  ऐसा नामुमकिन है। तुम हाथ बढ़ाओ मैं अपना हाथ ना दूँ  नामुमकिन है। मुमकिन है हर चीज ...

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