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काव्य और कला (निबन्ध) : जयशंकर प्रसाद हिन्दी में साहित्य की आलोचना का दृष्टिकोण बदला हुआ सा दिखलाई पड़ता है। प्राचीन भारतीय साहित्य के आलोचकों की विचार-धारा जिस क्षेत्र में काम ...