जयशंकर प्रसाद जी की कृतियां

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रहस्यवाद (निबन्ध) : जयशंकर प्रसाद काव्य में आत्मा की संकल्पात्मक मूल अनुभूति की मुख्य धारा रहस्यवाद है। रहस्यवाद के सम्बन्ध में कहा जाता है कि उस का मूल उद्‌गम सेमेटिक धर्म-भावना ...

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