104 Part
267 times read
0 Liked
जयशंकर प्रसाद की कविताएँ कामायनी जयशंकर प्रसाद चिंता सर्ग भाग-1 हिमगिरि के उत्तुंग शिखर पर, बैठ शिला की शीतल छाँह एक पुरुष, भीगे नयनों से देख रहा था प्रलय प्रवाह । ...