कविताःतितली का जीवन चक्र

1 Part

135 times read

8 Liked

कविता ःतितली का जीवन चक्र ★★★★★★★★★★★★★ उस बाग में..., हरे पत्तों के ऊपर.. वह चिपचिपा..सा..नन्हे नन्हे अंड समुहों जैसा.. देखकर मैंने सोचा था ..,ये क्या है..., ...फिर उनसे एक रेंगते..से जीव ...

×