शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनाएंःविराजबहू--3

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विराजबहू भाग--३ तीन साल बाद... हरिमती को ससुराल गए तीन माह हो चुके थे। पीताम्बर ने अपने खाने-पीने का हिसाब एक घर में रहते हुए भी अलग कर लिया है। सांझ ...

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