शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनाएंःविराजबहू--5

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विराजबहू भाग--५ दो दिन बाद नीलाम्बर ने पूछा- “बिराज! सुन्दरी दिखाई नहीं पड़ रही है।” बिराज ने कहा- “मैंने उसे निकाल दिया।” नीलाम्बर ने उसे मजाक समझा, कहा- “अच्छा किया, मगर ...

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