शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनाएंःविराजबहू--9

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विराजबहू भाग--९ दोपहर को सन्नाटा होने पर छोटी बहू रोती हुई आई और बिराज के पैरों पर गिर पड़ी। वहो दो दिनों इसी अवसर की तलाश में थी। पति को जो ...

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