शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनाएंःविराजबहू--13

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विराजबहू भाग--१३ वैसे बिराज का मर जाना ही ठीक था, पर वह मरी नहीं। कई दनों से भूख और दु:ख-दर्द से आहत थी। अपमान की चोटों से उसका दुर्बल मस्तिष्क खराब ...

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