1 Part
64 times read
5 Liked
स्वप्न सुंदरी गजल मैं आजकल नशीली आंखों से पी रहा हूं तेरे अधरों का शहद पीने से ही जी रहा हूं दहकते अनार से गालों पे नज़र चिपक गई इनमें पड़े ...