आचार्य चतुसेन शास्त्री--वैशाली की नगरबधू-

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127 . एकान्त पान्थ : वैशाली की नगरवधू शरत्कालीन सुन्दर प्रभात था । राजगृह के अन्तरायण में अगणित मनुष्यों की भीड़ भरी थी । लोग अस्त्र - शस्त्रों से सुसज्जित इधर ...

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