देवांगना--आचार्य चतुरसेन शास्त्री

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2. प्रव्रज्या : देवांगना संघाराम का सिंह द्वार बड़ा विशाल था। वह गगनचुम्बी सात खण्ड की इमारत थी। समारोह के पहुँचते ही संघाराम की बुर्जियों पर से भेरीनाद होने लगा। संघाराम ...

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