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इतनी बेखौफ हंसी, कैसे हँसती हो तुम। डर नहीं लगता यूँ खुलकर मुस्कराने से, छत पर गुनगुनाते हुए, गीले बालो को सुखाने से। आईने में घंटो निहारती रहती हो खुद को, ...