1 Part
219 times read
7 Liked
अब इतना भी सनम न इतराइये बीती बातों को दिल से न लगाइए भटक रहे हो तन्हा दुनिया की भीड़ में बेकार अपनी परेशानियों को न बढ़ाइए सर्दी बहुत है बाहर ...