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सूर्यास्त जीवन नहीं है अग्नि समाहित गंगा में मनुष्य विचलित जीवन सारे है शुद्ध जीवन वन में! सूर्यास्त जीवन.... सुबह अभिजीत स्वप्न में अहंकार तन- मन धारण न रहे है शुद्ध ...