देवांगना--आचार्य चतुरसेन शास्त्री

32 Part

281 times read

0 Liked

27. प्रेमोन्माद : देवांगना दिवोदास पागल हो गया है। यह सन्देश पाकर आचार्य ने उसे बन्दी गृह से मुक्त कर दिया। अब वह निरीह भाव से संघाराम में घूमने लगा। कोई ...

Chapter

×