माँ की महक लेखनी कविता-04-Jan-2022

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माँ की महक से महकता है घर आँगन माँ ही वो ताबीर है जिससे जगमगाता घर आँगन। दिन भर चक्करघिन्नी की तरह घूमती है रात मे औलाद जब तलक घर ना ...

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