लेखनी कहानी -05-Jan-2022 जुदाई

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🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 झर झर बहे नयन, तड़पे है मन,दिल में बेकरारी। हाथों में वीणा, स्वर में भजन, दर्शन दो मुरारी।। मैं तुमरी दासी,प्रेम प्यासी,कर दो एक उपकार। मैं मीराबाई, मिली जुदाई,व्यर्थ है ...

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