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सपनों के पंख लगा कर उड़ने को एक खुला आसमान चाहिए। मैं गृहिणी हूँ घर की आत्मा, थोड़ी खुशी थोड़ा सम्मान चाहिए। संभालूँ घर को मैनेजर की तरह न तिरस्कार न ...