रविंद्रनाथ टैगोर की रचनाएंःअवगंठुन 3

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3 पाठक इस कथा को कोरी कवि-कल्पना ही न समझें। जिन दिनों यहां सती की प्रथा प्रचलित थी, उन्हीं दिनों ऐसी घटनाएं कभी-कभी हो जाया करती थीं। महामाया के हाथ-पैर बांधकर ...

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