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जहां आज सन्नाटा सा पसरा हुआ है कभी वहां कई जिंदगी बसा करती थी गगनचुंबी कंगूरे आसमान से बातें करते थे दीवारें दुल्हन की तरह सजती संवरती थी दरवाजे खुले दिल ...