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खत ने तेरे आज फिर से रुला दिया। तुमने तो मुझे कबसे भुला दिया। धुँध सी पड़ गई थी यादों के फिज़ा में। एक तेरी लिखावट ने नींद उड़ा दिया। उड़ी ...