कृष्णा का क्रोध

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यह कैसी पुष्पवर्षा होता,  किस वीर का ना जाने आगमन होता, दुर्योधन मन -मन विचलित होता,  अपने पिता की और चिंतित देखता, है द्वारपालो की स्वर जब ऊंची होता,  नजर द्वार ...

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