1 Part
205 times read
3 Liked
मनहरण घनाक्षरी नारि यह नवेली सी सुवर्ण की हवेली सी नहीं पर पहेली सी स्वर्ण का श्रृंगार है। रमणी है या अप्सरा देख मन नहीं भरा सोना लगे खरा खरा रूप ...