1 Part
206 times read
1 Liked
गज़ल सोता हुआ है आज निगहवान देखिए। रोता हुआ है आज का इंसान देखिए।। इंसानियत का आज भरम टूट चुका है। इंसान का बिकता हुआ ईमान देखिए।। सौदागरी से जिंदगी की ...