लेखनी कविता - गले लगा ले मुझे

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मनहरण घनाक्षरी सादर समीक्षार्थ 🙏 गले लगा ले मुझे तू तो सब जनता है,दिल की बातों को मेरे, मुझसे भी कहीं ज्यादा,तू जनता है मुझे। फिर कैसे तू किसी की,बातों में ...

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