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ये रचना मेरी परम सखी ने मेरे जन्मदिन पर मुझे भेंट सरूप दी मुझे इस को सजो के रखनी थीं इसलिए मुझे इस लिखनी से अच्छी कोई और जगह नहीं मिली ...