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अतिथि देव जैसा दे रहे हैं, आज हम अधिकार अतिथि। मन से इस आतिथ्य को भी, अब करो स्वीकार अतिथि।। भावनाओं को समझ कर, आप आना आप जाना। हे अतिथि तुम ...