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मेरा गांव ही अच्छा था,,, सुबह में चिड़ियों की चहचहाहट,, सुनहरी खिलती सी धूप,, वो हंसते-बतियाते से घर-आंगन के पेड़ पौधे,, उसमें भी चार चांद लगाता था आंगन में ...