छोड़ दूं कैसे

1 Part

198 times read

10 Liked

गज़ल यादों में बसा है ये , शहर छोड़ दूं कैसे। तूने जो सबांरा है , वो घर छोड़ दूं कैसे।। माना  कि  हो  गई  , मेरी  दुश्वार  जिंदगी। लेकिन मैं ...

×