पी चुके हैं हम विष का प्याला

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बस बहुत हुआ अब और नही !! तुझमे मेरा अब ठौर नही!! बहुत अलग है दुनिया मेरी!!  इस दुनिया में तेरा गौर नहीं!! सुनले तू भी ज़ोर से!!  देख ले चारो ...

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