अंत या आरंभ

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ज़िन्दगी का पहलू यह भी है इंसान समझ ही नही पाते  ये अंत या आरंभ है  ये ज़िन्दगी सघर्षो से भरी होती है कभी इस का अंत ही नही  हम सोचते ...

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