क्षण क्षण को जो गिनें पलक पर उनका आभार जताएंगे।

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बीत रही है शरद की अवधि,आएगी नव     वर्ष     पुन:। पल्लवित होंगे फिर पुण्य वृक्ष, हर्षाएगी नव  वर्ष  पुन:। पुण्य ज्योति अब ऊर्ध्वाधर हो धवल सूर्य तक जाएगी। दिव्य प्रशस्ति ...

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