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ये राते ,ये ख्वाब ,ये ख्वाहिशे ,ये चाहते उफ्फ् तुम इश्क़ हो मेरा या दो वक़्त की गिज़ा ना चाहते हुए भी गुनाह किये जा रहे है सफऱ है अकेला पर ...