बेहिसाब हसरतें

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हसरतें बेहिसाब थी कि आसमान छोटा पड़ गया, कुछ हो गईं पूरी, कुछ रह गई अधूरी। कईयों ने कहा, हसरतें थोड़ी कम कर दो। इतना भी क्या गुरूर है? मैंने भी ...

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