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द्वार खोल दे अंबे, कुछ बोल दे अंबे, विनती तुमसे करते सारे हैं, चुप न बैठो अब यहाँ, उठाओ अपने शस्त्र यहांँ, असुर बहुत हो गए धरा पर , रहम करो ...