प्रातः काल का समय था। सूर्य देव सप्त अश्वों से सुसज्जित रथ पर आरूढ़ होकर रश्मियों संग पधार रहे थे। शीतल मन्द बयारें धीमी गति से बह रही थी। पुष्पों की ...

×