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जीवन # अनवरत हाँ झंझावतों से आगे मैं बढ़ पाऊँगी रखा है यकीन ये मैंने , आगे बढ़ती ही जाउंगी कभी किसी भी चोट पर जो रोउंगी , न टुटूंगी हाँ ...