गणतंत्र दिवस पर कविता

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राष्ट्र हित का जज्बा जिसमें, वह सुंदर वतन सजाता है। ऋतु मौसम दिन रात परे, जो हरदम अलख जगाता है। जिसका दमखम सुन बैरी, दूर से ही थर्राता है, ऐसे देशभक्त ...

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