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तोड़कर सबसे नफरत की जंजीरें प्रेम का ऐसा पवित्र बंधन बाँधेंगे राग-द्वेष अपने दिल से मिटाकर समाज में एक नयी चेतना लाएँगे राष्ट्रीय एकता का दीप जलाकर हम नया गणतंत्र दिवस ...