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विधा कविता विषय बसंत चंचल मन हिलोरे लेता, उमंग भरी बागानों में। पीली सरसों ओढ़े वसुंधरा, सज रही परिधानों में । मादक गंध सुवासित हो, बहती मधुर बयार यहां। मधुकर गुंजन ...